हर तरफ़ नुकसान ही नुकसान: पाइरेसी ने बॉलीवुड को घुटनों पर ला दिया

मुंबई: अब ये सिर्फ़ फिल्में चोरी होने की बात नहीं रह गई है – भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो पायरेसी हब बन गया है। और इसका असर सिर्फ़ बॉक्स ऑफिस तक सीमित नहीं, बल्कि अब यह हमारी फिल्म इंडस्ट्री की नींव को हिला रहा है। बॉलीवुड की हालत पहले ही नए जमाने की चुनौतियों से जूझ रही है, लेकिन पाइरेसी ने हालात और बदतर कर दिए हैं। बड़ी बात ये है कि अब ये कोई मामूली डिजिटल चोरी नहीं रह गई – ये एक गहरी साज़िश, अंदरूनी लीक और आर्थिक नुकसान का मामला बन चुकी है।

चौंकाने वाले आंकड़े: 2023 में ₹22,400 करोड़ का नुकसान!
- EY-IAMAI की लेटेस्ट रिपोर्ट ‘The Rob Report 2024’ के अनुसार, पिछले साल भारत की फिल्म इंडस्ट्री को पायरेसी से इतना नुकसान हुआ कि आंकड़े देखकर कोई भी हैरान हो जाए:
- 🎬 सिनेमा हॉल को नुकसान: ₹13,700 करोड़
- 📺 OTT और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को घाटा: ₹8,700 करोड़
कुल अनुमानित नुकसान: ₹22,400 करोड़ से ज़्यादा
सबसे ज़्यादा असर उन फिल्मों पर पड़ा जिनका बजट कम था — जैसे रीजनल और मिड-बजट फ़िल्में। उनके पास न तो बड़ी मार्केटिंग होती है, न ही स्टार पावर, और पायरेसी से वो सीधे डूब जाती हैं।
रिलीज से पहले फ़िल्में लीक होना अब आम बात बन चुकी है
‘रेड 2’, ‘सिकंदर’, और ‘जाट’ जैसी फ़िल्में थिएटर पहुंचने से पहले ही इंटरनेट पर लीक हो गईं। अब ये संयोग नहीं, बल्कि एक अंदरूनी नेटवर्क की प्लानिंग लग रही है।
फिल्म एक्सपर्ट गिरीश वानखेड़े कहते हैं:
“पायरेसी पोस्ट-प्रोडक्शन स्टूडियो, कंटेंट डिलीवरी टीम या थिएटर के जरिए होती है। यानी खतरा बाहर नहीं, अंदर से है।”
Telegram और Torrent – अब पाइरेसी के नए हथियार
आजकल Telegram जैसे ऐप्स पायरेसी का हॉटस्पॉट बन चुके हैं। वहां लोग बड़ी फ़िल्मों को आसानी से शेयर कर लेते हैं – बिना अपनी पहचान उजागर किए।
Telegram पर गुमनाम रहते हुए फिल्में शेयर करना बेहद आसान है
Torrent साइट्स और थर्ड पार्टी ऐप्स हर दिन नए-नए तरीके निकाल रहे हैं
रिपोर्ट बताती है कि 51% भारतीय या तो जानबूझकर या अनजाने में पायरेटेड कंटेंट देख रहे हैं
ये आंकड़ा बेहद चिंताजनक है – क्योंकि यह साफ़ दिखाता है कि पायरेसी अब आम हो चुकी है।
पायरेसी से जुड़ा है आतंकवाद का पैसा?
21 मई – आतंकवाद विरोधी दिवस पर राज्यसभा सांसद डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा:
“आतंकवाद सिर्फ़ सोच नहीं, पैसे का खेल है। और पायरेसी उस पैसे का एक चुपचाप चलने वाला स्रोत है।”
मुंबई पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी चेताया:
“जब कोई फिल्म रिलीज़ से पहले लीक होती है – ये अब महज़ चोरी नहीं, बल्कि एक सोचा-समझा हमला है।”
किस-किस को हो रहा है नुकसान?
पायरेसी की वजह से फिल्म इंडस्ट्री के हर हिस्से को नुकसान हो रहा है:
थिएटर पहले हफ्ते की कमाई खो रहे हैं
OTT प्लेटफॉर्म लीक हुई फ़िल्मों को खरीदने से डरते हैं
दर्शक पहले ही सब देख कर थिएटर नहीं आते
सैटेलाइट और डिजिटल राइट्स की डील टूट रही हैं
नए एक्टर्स और डायरेक्टर्स का करियर शुरू होने से पहले ही डूब रहा है
सुनील वाधवा (कर्मिक फिल्म्स) कहते हैं:
“ये एक तरह की आर्थिक तोड़फोड़ है। पाइरेसी हर कमाई का रास्ता बंद कर देती है।”
अब अगर नहीं रुके, तो बहुत देर हो जाएगी
पायरेसी अब सिर्फ एक टेक्निकल प्रॉब्लम नहीं है — यह अब एक आर्थिक और रचनात्मक आपदा बन चुकी है।
अगर वक्त रहते कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले सालों में बॉलीवुड सिर्फ़ यादों में रह जाएगा।
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न्यूज डेस्क @taazabyte
31 मई 2025
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