RCB की विजय परेड में भगदड़: 11 की मौत, जश्न का माहौल मातम में बदला | बेंगलुरु

RCB की जीत का जश्न बना हादसा: बेंगलुरु विजय परेड में मची भगदड़, 11 की मौत
बेंगलुरु में RCB की IPL जीत के बाद निकली विजय परेड जश्न का कारण बननी थी, लेकिन अफसोस कि वह एक भीषण हादसे में तब्दील हो गई। केएससीए गेट के पास मची भगदड़ में 8 लोगों की जान चली गई और कई घायल हो गए। फैंस अपने हीरो की एक झलक पाने को बेताब थे, लेकिन आयोजनों की लापरवाही ने जश्न को मातम में बदल दिया।
बेंगलुरु, 5 जून —
RCB की ऐतिहासिक IPL जीत का जश्न मनाने बेंगलुरु की सड़कों पर हज़ारों लोग उमड़ पड़े। लेकिन जो दिन जश्न का होना था, वो अचानक अफरा-तफरी और मातम में बदल गया। केएससीए स्टेडियम के पास एक दर्दनाक भगदड़ में लोगों की जान चली गई, और 20 से ज़्यादा घायल हो गए। जीत की खुशी में डूबे प्रशंसकों को शायद अंदाज़ा भी नहीं था कि एक छोटी-सी चूक इतनी भारी पड़ सकती है।
बारिश में भी थमी नहीं भीड़, टूटी बैरिकेडिंग
सुबह से ही मौसम भीग रहा था, लेकिन RCB फैंस का जोश नहीं।
RCB की विजय परेड में भगदड़ मे विधान सौध से लेकर चिन्नास्वामी स्टेडियम तक का रास्ता लाल जर्सियों से पट गया था। लेकिन जैसे ही भीड़ ने बैरिकेड तोड़े और संकरे गेटों से ज़बरदस्ती घुसने की कोशिश की, वहां भगदड़ मच गई। कुछ ही पलों में चीख-पुकार, गिरते हुए लोग और अफरा-तफरी का नज़ारा बन गया।
RCB ने जताया दुख
हज़ारों की भीड़, टूटी बैरिकेडिंग और एक दर्दनाक मोत

RCB मैनेजमेंट ने इस घटना पर गहरा शोक जताते हुए कहा:
“हम मीडिया रिपोर्ट्स से मिली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बहुत दुखी हैं। लोगों की सुरक्षा हमारे लिए सबसे ज़रूरी है। हम जानमाल के नुकसान पर गहरा शोक प्रकट करते हैं और प्रभावित परिवारों के साथ संवेदना व्यक्त करते हैं।”
सरकार की तैयारी पर सवाल
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि पुलिस ने पहले ही परेड को सीमित रखने की सलाह दी थी।
“पुलिस ने हमें आगाह किया था। हम जुलूस एयरपोर्ट से निकालना चाहते थे लेकिन पुलिस ने मना किया। हमने सतर्कता बरती, लेकिन फिर भी हादसा हो गया।”
लेकिन अब लोगों के मन में ये सवाल है —
अगर खतरा पहले से था, तो रोकने की कोशिश और मज़बूत क्यों नहीं की गई?
दूसरे शहरों से तुलना

मुंबई की सड़कों पर भी लाखों लोग भारतीय टीम की वर्ल्ड कप जीत का जश्न मनाने उतरे थे।
वहीं कोई अफरा-तफरी नहीं, कोई भगदड़ नहीं। भीड़ थी, लेकिन नियंत्रण भी था।
क्या ये हादसा टाला जा सकता था?
11 साल की सीमा, 19 साल के अर्जुन, और बाकी वे लोग जो बस अपने हीरो की एक झलक देखने आए थे —
उनके लिए ये उत्सव अंतिम यात्रा बन गया। उन परिवारों का क्या जो सुबह अपने बच्चों को यह कहकर भेजे थे कि “RCB जीती है, देख कर आओ” — और अब उनके घर मातम पसरा है।
अब ज़रूरत है आत्ममंथन की
ऐसी घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि सिर्फ जीतना ही काफी नहीं — उत्सव मनाने की ज़िम्मेदारी भी उतनी ही ज़रूरी होती है।RCB की जीत अपनी जगह है, लेकिन इस हादसे की छाया शायद अब उस जीत की चमक को फीका कर देगी।
🙏 हम उन सभी परिवारों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अपनों को खोया। काश ये जश्न, एक दर्दनाक कहानी न बनता।
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न्यूज डेस्क – taazabyte.com
05 June 2025
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